1. पत्रकारिता क्या है ?
ऐसी सूचनाओं का संकलन एवं संपादन कर आम पाठकों तक पहुँचाना, जिनमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो तथा जो अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित करती हों, पत्रकारिता कहलाता है। (देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं की सूचनाओं को संकलित एवं संपादित कर समाचार के रूप में पाठकों तक पहुँचाने की क्रिया/विधा को पत्रकारिता कहते हैं)
2. पत्रकारीय लेखन तथा साहित्यिक सूजनात्मक लेखन में क्या अंतर है ?
पत्रकारीय लेखन की प्रमुख उद्देश्य सूचना प्रदान करना होता है, इसमें तथ्यों की प्रधानता होती है, जबकि साहित्यिक सृजनात्मक लेखन भाव, कल्पना एवं सौंदर्य-प्रधान होता है।
3. पत्रकारिता के प्रमुख आयाम कौन-कौन से हैं ?
संपादकीय, फ़ोटो पत्रकारिता, कार्टून कोना, रेखांकन और कार्टोग्राफ़।
4. समाचार किसे कहते हैं ?
समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ता हो।
5. समाचार के तत्त्वों को लिखिए।
पत्रकारिता की दृष्टि से किसी भी घटना, समस्या व विचार को समाचार का रूप धारण करने के लिए उसमें निम्न तत्त्वों में से अधिकांश या सभी का होना आवश्यक होता है-
नवीनता निकटता, प्रभाव, जनरुचि, संघर्ष, महत्त्वपूर्ण लोग, उपयोगी जानकारियाँ, अनोखापन आदि।
6. डेडलाइन से आप क्या समझते हैं ?
समाचार माध्यमों के लिए समाचारों को कवर करने के लिए निर्धारित समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं।
7. संपादन से क्या अभिप्राय है ?
प्रकाशन के लिए प्राप्त समाचार-सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके पठनीय तथा प्रकाशन योग्य बनाना संपादन कहलाता है।
8. संपादकीय क्या है ?
संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं। संपाठकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता।
9. पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार लिखिए।
- खोजी पत्रकारिता
- विशेषीकृत पत्रकारिता
- वॉचडॉग पत्रकारिता
- एडवोकेसी पत्रकारिता
- पीतपत्रकारिता
- पेज थ्री पत्रकारिता
10. खोजी पत्रकारिता क्या है ?
जिसमें आम तौर पर सार्वजनिक महत्त्व के मामलों, जैसे-भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों की गहराई से छानबीन कर सामने लाने की कोशिश की जाती है। स्टिंग ऑपरेशन खोजी पत्रकारिता का ही एक नया रूप है।
11. वॉचडॉग पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं ?
लोकतंत्र में पत्रकारिता और समाचार मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है और कोई गड़बड़ी होने पर उसका परदाफाश करना होता है, परंपरागत रूप से इसे वॉचडॉग पत्रकारिता कहते हैं।
12. एडवोकेसी पत्रकारिता किसे कहते हैं ?
इसे पक्षधर पत्रकारिता भी कहते हैं। किसी खास मुद्दे या विचारधारा के पक्ष में जनमत बनाने के लिए लगातार अभियान चलाने वाली पत्रकारिता को एडवोकेसी पत्रकारिता कहते हैं।
13. पीतपत्रकारिता से आप क्या समझते हैं ?
पाठकों को लुभाने के लिए झूठी अफ़वाहों, आरोपों-प्रत्यारोपों, प्रेमसंबंधों आदि से संबंधित सनसनीखेज समाचारों से संबंधित पत्रकारिता को पीतपत्रकारिता कहते हैं।
14. पेज थ्री पत्रकारिता किसे कहते हैं ?
ऐसी पत्रकारिता जिसमें फैशन, अमीरों की पार्टियों, महफ़िलों और जानेमाने लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है।
15. पत्रकारिता के विकास में कौन-सा मूल भाव सक्रिय रहता है ?
जिजासा का
16. विशेषीकृत पत्रकारिता क्या है ?
किसी विशेष क्षेत्र की विशेष जानकारी देते हुए उसका विश्लेषण करना विशेषीकृत पत्रकारिता है।
17. वैकल्पिक पत्रकारिता किसे कहते हैं ?
मुख्य धारा के मीडिया के विपरीत जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाकर उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहा जाता है। आम तौर पर इस तरह के मीडिया को सरकार और बड़ीपूँजी का समर्थन प्राप्त नहीं होता और न ही उसे बड़ी कंपनियों के विज्ञापन मिलते हैं।
18. विशेषीकृत पत्रकारिता के प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
- संसदीय पत्रकारिता
- न्यायालय पत्रकारिता
- आर्थिक पत्रकारिता
- खेल पत्रकारिता
- विज्ञान और विकास पत्रकारिता
- अपराध पत्रकारिता
- फैशन और फिल्म पत्रकारिता
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न:
1. पत्रकारिता के विकास में कौन-सा मूल भाव सक्रिय रहता है?
2. कोई घटना समाचार कैसे बनती है? सूचनाओं का संकलन, संपादन कर पाठकों तक पहुँचाने की क्रिया को क्या कहते हैं?
3. सम्पादकीय में सम्पादक का नाम क्यों नहीं लिखा जाता?
4. निम्न के बारे में लिखिए-
(क) डेड लाइन
(ख) फ्लैश ब्रेकिंग न्यूज
(ग) गाइड लाइन
(घ) लीड
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन
प्रिंट माध्यम (मुद्रित माध्यम)–
1. प्रिंट मीडिया से क्या आशय है ?
छपाई वाले संचार माध्यम को प्रिंट मीडिया कहते हैं। इसे मुद्रण-माध्यम भी कहा जाता है। समाचार-पत्र पत्रिकाएँ, पुस्तकें आदि इसके प्रमुख रूप हैं।
2. जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम कौन-सा है ?
जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम प्रिंट माध्यम है।
3. आधुनिक छापाखाने का आविष्कार किसने किया ?
आधुनिक छापाखाने का आविष्कार जर्मनी के गुटेनबर्ग ने किया।
4. भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ पर खुला था ?
भारत में पहला छापाखाना सन १७७६ में गोवा में खुला, इसे ईसाई मिशनरियों ने धर्म-प्रचार की पुस्तकें छापने के लिए खोला था।
5. जनसंचार के मुद्रित माध्यम कौन-कौन से हैं ?
मुद्रित माध्यमों के अन्तर्गत अखबार, पत्रिकाएँ पुस्तके आदि आती हैं।
6. मुद्रित माध्यम की विशेषताएँ लिखिए।
- छपे हुए शब्दों में स्थायित्व होता है, इन्हें सुविधानुसार किसी भी प्रकार से पढ़ा जा सकता है।
- यह माध्यम लिखित भाषा का विस्तार है।
- यह चिंतन, विचार-विश्लेषण का माध्यम है।
7. मुद्रित माध्यम की सीमाएँ (दोष) लिखिए।
- निरक्षरों के लिए मुद्रित माध्यम किसी काम के नहीं होते।
- ये तुरंत घटी घटनाओं को संचालित नहीं कर सकते।
- इसमें स्पेस तथा शब्द सीमा का ध्यान रखना पड़ता है।
- इसमें एक बार समाचार छप जाने के बाद अशुद्धि-सुधार नहीं किया जा सकता।
8. मुद्रित माध्यमों के लेखन के लिए लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
- भाषागत शुद्धता का ध्यान रखा जाना चाहिए।
- प्रचलित भाषा का प्रयोग किया जाए।
- समय, शब्द व स्थान की सीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
- लेखन में तारतम्यता एवं सहज प्रवाह होना चाहिए।
रेडियो (आकाशवाणी)
1. इलैक्ट्रानिक माध्यम से क्या तात्पर्य है ?
जिस जन संचार में इलैकट्रानिक उपकरणों का सहारा लिया जाता है इलैक्ट्रानिक माध्यम कहते हैं। रेडियो, दूरदर्शन, इंटरनेट प्रमुख इलैक्ट्रानिक माध्यम हैं।
2. ऑल इंडिया रेडियो की विधिवत स्थापना कब हुई ?
सन् १९३६ में
3. एफ़.एम. रेडियो की शुरुआत कब से हुई ?
एफ़.एम. (फ़िक्वेंसी माड्युलेशन) रेडियो की शुरुआत सन् १९९३ से हुई।
4. रेडियो किस प्रकार का माध्यम है ?
रेडियो एक इलैक्ट्रोनिक श्रव्य माध्यम है। इसमें शब्द एवं आवाज का महत्त्व होता है। यह एक रेखीय माध्यम है।
5. रेडियो समाचार किस शैली पर आधारित होते हैं ?
रेडियो समाचार की संरचना उल्टापिरामिड शैली पर आधारित होती है।
6. उल्टा पिरामिड शैली क्या है ? यह कितने भागों में बँटी होती है ?
जिसमें तथ्यों को महत्त्व के क्रम से प्रस्तुत किया जाता है, सर्वप्रथम सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण तथ्य को तथा उसके उपरांत महत्त्व की दृष्टि से घटते क्रम में तथ्यों को रखा जाता है उसे उल्टा पिरामिड शैली कहते हैं। उल्टापिरामिड शैली में समाचार को तीन भागों में बाँटा जाता है- इंट्रो, बॉडी और समापन।
7. रेडियो समाचार-लेखन के लिए किन-किन बुनियादी बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ?
- समाचार वाचन के लिए तैयार की गई कापी साफ़-सुथरी ओ टाइप्ड कॉपी हो।
- कॉपी को ट्रिपल स्पेस में टाइप किया जाना चाहिए।
- पर्याप्त हाशिया छोड़ा जाना चाहिए।
- अंकों को लिखने में सावधानी रखनी चाहिए।
- संक्षिप्ताक्षरों के प्रयोग से बचा जाना चाहिए।
टेलीविजन (दूरदर्शन):
1. दूरदर्शन जनसंचार का किस प्रकार का माध्यम है ?
दूरदर्शन जनसंचार का सबसे लोकप्रिय व सशक्त माध्यम है। इसमें ध्वनियों के साथ-साथ दृश्यों का भी समावेश होता है। इसके लिए समाचार लिखते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि शब्द व पर्दे पर दिखने वाले दृश्य में समानता हो।
2. भारत में टेलीविजन का आरंभ और विकास किस प्रकार हुआ ?
भारत में टेलीविजन का प्रारंभ १७ सितंबर १९७९ को हुआ। यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली के आसपास के एक गाँव में दो टी.वी. सैट लगाए गए, जिन्हें २०० लोगों ने देखा। १९६७ के बाद विधिवत टीवी सेवा आरंभ हुई। १९७६ में दूरदर्शन नामक निकाय की स्थापना हुई।
3. टी०वी० खबरों के विभिन्न चरणों को लिखिए।
दूरदर्शन मे कोई भी सूचना निम्न चरणों या सोपानों को पार कर दर्शकों तक पहुँचती है।
(1) फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज (समाचार को कम-से-कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल पहुँचाना)
(2) ड्राई एंकर (एंकर द्वारा शब्दों में खबर के विषय में बताया जाता है)
(3) फ़ोन इन (एंकर रिपोर्टर से फ़ोन पर बात कर दर्शकों तक सूचनाएँ पहुँचाता है)
(4) एंकर-विजुअल (समाचार के साथ-साथ संबंधित दृश्यों को दिखाया जाना)
(5) एंकर-बाइट (एंकर का प्रत्यक्षदर्शी या संबंधित व्यक्ति के कथन या बातचीत द्वारा प्रामाणिक खबर प्रस्तुत करना)
(6) लाइव (घटनास्थल से खबर का सीधा प्रसारण)
(7) एंकर-पैकेज (इसमें एंकर द्वारा प्रस्तुत सूचनाएँ; संबंधित घटना के दृश्य, बाइट, ग्राफ़िक्स आदि द्वारा व्यवस्थित ढंग से दिखाई जाती हैं)
इंटरनेट
1. इंटरनेट क्या है ? इसके गुण-दोषों पर प्रकाश डालिए।
इंटरनेट विश्वव्यापी अंतर्जाल है, यह जनसंचार का सबसे नवीन व लोकप्रिय माध्यम है। इसमें जनसंचार के सभी माध्यमों के गुण समाहित हैं। यह जहाँ सूचना, मनोरंजन, ज्ञान और व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक संवादों के आदान-प्रदान के लिए श्रेष्ठ माध्यम है, वहीं अश्लीलता, दुष्प्रचारव गंदगी फ़ैलाने का भी जरिया है।
2. इंटरनेट पत्रकारिता क्या है ?
इंटरनेट (विश्व्यापी अंतर्जाल) पर समाचारों का प्रकाशन या आदान-प्रदान इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है। इंटरनेट पत्रकारिता दो रूपों में होती है। प्रथम- समाचार संप्रेषण के लिए नेट का प्रयोग करना। दूसरा- रिपोर्टर अपने समाचार को ई-मेल द्वारा अन्यत्र भेजने व समाचार को संकलित करने तथा उसकी सत्यता, विश्वसनीयता सिद्ध करने के लिए करता है।
3. इंटरनेट पत्रकारिता को और किन-किन नामों से जाना जाता है ?
ऑनलाइन पत्रकारिता, साइबरपत्रकारिता, वेब पत्रकारिता आदि नामों से।
4. विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास किन-किन चरणों में हुआ ?
विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ
- प्रथम चरण ——- १९८२ से १९९२
- द्वितीय चरण ——- १९९३ से २००१
- तृतीय चरण ——- २००२ से अब तक
5. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का प्रारम्भ कब से हुआ ?
पहला चरण १९९३ से तथा दूसरा चरण २००३ से शुरू माना जाता है। भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटें ‘रीडिफ़ डॉट कॉम’, ‘इंडियाइंफ़ोलाइन’ व ‘सीफ़ी’ हैं। रीडिफ को भारत की पहली साइट कहा जाता है।
6. वेबसाइट पर विशुद्धपत्रकारिता शुरू करने का श्रेय किसको जाता है ?
‘तहलका डॉटकॉम’
7. भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटों के नाम लिखिए।
‘रीडिफ़ डॉट कॉम’, ‘इंडियाइंफ़ोलाइन’ व ‘सीफ़ी’
8. भारत में कौन-कौन से समाचार-पत्र इंटरनेट पर उपलब्ध हैं ?
टाइम्स आफ़ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रैस, हिंदू, ट्रिब्यून आदि।
9. भारत की कौन-सी नेट-साइट भुगतान देकर देखी जा सकती है ?
‘इंडिया टुडे’
10. भारत की पहली साइट कौन-सी है , जो इंटरनेट पर पत्रकारिता कर रही हैं ?
रीडिफ
11. सिर्फ़ नेट पर उपलब्ध अखबार का नाम लिखिए।
“प्रभा साक्षी” नाम का अखबार प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ़ नेट पर उपलब्ध है।
12. पत्रकारिता के लिहाज से हिंदी की सर्वश्रेष्ठ साइट कौन-सी है ?
पत्रकारिता के लिहाज से हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ साइट बीबीसी की हैं, जो इंटरनेट के मानदंडों के अनुसार चल रही है।
13. हिंदी वेब जगत में कौन-कौनसी साहित्यिक पत्रिकाएँ चल रही हैं ?
हिंदी वेब जगत में ‘अनुभूति’, अभिव्यक्ति, हिंदी नेस्ट, सराय आदि साहित्यिक पत्रिकाएँ चल रही हैं।
14. हिंदी वेब जगत की सबसे बढ़ी समस्या क्या है ?
हिन्दी वेब जगत की सबसे बड़ी समस्या मानक की-बोर्ड तथा फोंट की है। डायनमिक फोंट के अभाव के कारण हिन्दी की ज्यादातर साइटें खुलती ही नहीं हैं।
अभ्यासार्थ प्रश्नः
1. भारत में पहला छापाखान किस उद्देश्य से खोला गया?
2. गुटेनबर्ग को किस क्षेत्र में योगदान के लिए याद किया जाता है?
3. रेडियो समाचर किस शैली में लिखे जाते हैं?
4. रेडियो तथा टेलीविजन माध्यमों में मुख्य अंतर क्या है?
5. एंकर बाईट क्या है?
6. समाचार को संकलित करने वाला व्यक्ति क्या कहलाता है?
7. नेट साउंड किसे कहते हैं?
8. ब्रेकिंग न्यूज से आप क्या समझते हैं?
पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया
1. पत्रकारीय लेखन क्या है ?
समाचार माध्यमों मे काम करने वाले पत्रकार अपने पाठकों तथा श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं, इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं। पत्रकारीय लेखन का संबंध समसामयिक विषयों, विचारों व घटनाओं से है। पत्रकार को लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए वह सामान्य जनता के लिए लिख रहा है, इसलिए उसकी भाषा सरल व रोचक होनी चाहिए। वाक्य छोटे व सहज हों। कठिन भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। भाषा को प्रभावी बनाने के लिए अनावश्यक विशेषणों, जार्गन्स (अप्रचलित शब्दावली) और क्लीशे (पिष्टोक्ति , दोहराव) का प्रयोग नहीं होना चहिए।
2. पत्रकारीय लेखन के अंतर्गत क्या-क्या आता है ?
पत्रकरिता या पत्रकारीय लेखन के अन्तर्गत समपादकीय, समाचार, आलेख, रिपोर्ट, फीचर, स्तम्भ तथा कार्टून आदि आते हैं।
3. पत्रकारीय लेखन का मुख्य उद्देश्य क्या होता है ?
पत्रकारीय लेखन का प्रमुख उद्देश्य है- सूचना देना, शिक्षित करना तथा मनोरंजन करना आदि होता है।
4. पत्रकारीय लेखन के प्रकार लिखए।
पत्रकारीय लेखन के कई प्रकार हैं यथा- ‘खोजपरक पत्रकारिता’, वॉचडॉग पत्रकारिता और एड्वोकैसी पत्रकारिता आदि।
5. पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं ?
पत्रकार तीन प्रकार के होते हैं-
- पूर्ण कालिक
- अंशकालिक (स्ट्रिंगर)
- फ्रीलांसर या स्वतंत्र पत्रकार
6. समाचार किस शैली में लिखे जाते हैं ?
समाचार उलटा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं, यह समाचार लेखन की सबसे उपयोगी और लोकप्रिय शैली है। इस शैली का विकास अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान हुआ। इसमें महत्त्वपूर्ण घटना का वर्णन पहले प्रस्तुत किया जाता है, उसके बाद महत्त्व की दृष्टि से घटते क्रम में घटनाओं को प्रस्तुत कर समाचार का अंत किया जाता है। समाचार में इंट्रो, बॉडी और समापन के क्रम में घटनाएँ प्रस्तुत की जाती हैं।
7. समाचार के छह ककार कौन-कौन से हैं ?
समाचार लिखते समय मुख्य रूप से छह प्रश्नों- क्या , कौन , कहाँ , कब , क्यों और कैसे का उत्तर देने की कोशिश की जाती है। इन्हें समाचार के छह ककार कहा जाता है। प्रथम चार प्रश्नों के उत्तर इंट्रो में तथा अन्य दो के उत्तर समापन से पूर्व बॉडी वाले भाग में दिए जाते हैं।
8. फ़ीचर क्या है ?
फ़ीचर एक प्रकार का सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है।
9. फ़ीचर लेखन का क्या उद्देश्य होता है ?
फ़ीचर का उद्देश्य मुख्य रूप से पाठकों को सूचना देना, शिक्षित करना तथा उनका मनोरंजन करना होता है।
10. फ़ीचर और समाचार में क्या अंतर है ?
समाचार में रिपोर्टर को अपने विचारों को डालने की स्वतंत्रता नहीं होती, जबकि फ़ीचर में लेखक को अपनी राय, दृष्टिकोण और भावनाओं को जाहिर करने का अवसर होता है। समाचार उल्टा पिरामिड शेली में लिखे जाते हैं, जबकि फ़ीचर लेखन की कोई सुनिश्चित शैली नहीं होती। फ़ीचर में समाचारों की तरह शब्दों की सीमा नहीं होती। आमतौर पर फ़ीचर, समाचार रिपोर्ट से बड़े होते हैं। पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः २५० से २००० शब्दों तक के फ़ीचर छपते हैं।
11. विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं ?
सामान्य समाचारों से अलग वे विशेष समाचार जो गहरी छान-बीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर प्रकाशित किए जाते हैं, विशेष रिपोर्ट कहलाते हैं।
12. विशेष रिपोर्ट के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
(1) खोजी रिपोर्ट: इसमें अनुपल्ब्ध तथ्यों को गहरी छान-बीन कर सार्वजनिक किया जाता है।
(2) इन्डेप्थ रिपोर्ट: सार्वजानिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान-बीन कर उसके महत्त्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है।
(3) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट: इसमें किसी घटना या समस्या का विवरण सूक्ष्मता के साथ विस्तार से दिया जाता है। रिपोर्ट अधिक विस्तृत होने पर कई दिनों तक किस्तों में प्रकाशित की जाती है।
(4) विवरणात्मक रिपोर्ट: इसमें किसी धटना या समस्या को विस्तार एवं बारीकी के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
13. विचारपरक लेखन किसे कहते हैं ?
जिस लेखन में विचार एवं चिंतन की प्रधानता होती है, उसे विचार परक लेखन कहा जाता है। समाचार-पत्रों में समाचार एवं फ़ीचर के अतिरित संपादकीय, लेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तंभ छपते हैं। ये सभी विचारपरक लेखन के अंतर्गत आते हैं।
14. संपादकीय से क्या अभिप्राय है ?
संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिससे संबंधित समाचार पत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं। संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता।
15. स्तंभलेखन से क्या तात्पर्य है ?
यह एक प्रकार का विचारात्मक लेखन है। कुछ महत्त्वपूर्ण लेखक अपने खास वैचारिक रुझान एवं लेखन शैली के लिए जाने जाते हैं। ऐसे लेखकों की लोकप्रियता को देखकर समाचरपत्र उन्हें अपने पत्र में नियमित स्तंभ-लेखन की जिम्मेदारी प्रदान करते हैं। इस प्रकार किसी समाचार-पत्र में किसी ऐसे लेखक द्वारा किया गया विशिष्ट एवं नियमित लेखन जो अपनी विशिष्ट शैली एवं वैचारिक रुझान के कारण समाज में ख्याति-प्राप्त हो, स्तंभ लेखन कहा जाता है।
16. संपादक के नाम पत्र से आप क्या समझते हैं ?
समाचार पत्रों में संपादकीय पृष्ठ पर तथा पत्रिकाओं की शुरुआत में संपादक के नाम आए पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। यह प्रत्येक समाचारपत्र का नियमित स्तंभ होता है। इसके माध्यम से समाचार-पत्र अपने पाठकों को जनसमस्याओं तथा मुद्दों पर अपने विचार एवम् राय व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
17. साक्षात्कार/इंटरव्यू से क्या अभिप्राय है ?
किसी पत्रकार के द्वारा अपने समाचारपत्र में प्रकाशित करने के लिए, किसी व्यक्ति विशेष से उसके विषय में अथवा किसी विषय या मुद्दे पर किया गया प्रश्नोत्तरात्मक संवाद साक्षात्कार कहलाता है।
अन्य महत्त्वपूर्णं प्रश्नः
1. सामान्य लेखन तथा पत्रकारीय लेखन में क्या अंतर है?
2. पत्रकारीय लेखन के उद्देश्य लिखिए।
3. पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?
4. उल्टा पिरामिड शैली का विकास कब और क्यों हुआ?
5. समाचार के प्रकारों के नाम लिखिए।
6. बाड़ी क्या है?
7. फ़ीचर किस शैली में लिखा जाता है?
8. फ़ीचर व समाचार में क्या अंतर है?
9. विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?
10. विशेष रिपोर्ट के भेद लिखिए।
11. इन्डेप्थ रिपोर्ट किसे कहते हैं?
12. विचारपरक लेखन क्या है तथा उसके अन्तर्गत किस प्रकार के लेख आते हैं?
13. स्वतंत्र पत्रकार किसे कहते है?
14. पूर्णकालिक पत्रकार से क्या अभिप्राय है?
15. अंशकालिक पत्रकार क्या होता है?
विशेष लेखन: स्वरूप और प्रकार
1. विशेष लेखन किसे कहते हैं ?
विशेष लेखन किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हट कर किया गया लेखन है; जिसमें विषय से संबंधित विस्तृत सूचनाएँ प्रदान की जाती हैं।
2. डेस्क क्या है ?
समाचारपत्र, पत्रिकाओं, टीवी और रेडियो चैनलों में अलग-अलग विषयों पर विशेष लेखन के लिए निर्धारित स्थल को डेस्क कहते हैं और उस विशेष डेस्क पर काम करने वाले पत्रकारों का भी अलग समूह होता है। यथा-व्यापार तथा कारोबार के लिए अलग तथा खेल की खबरों के लिए अलग डेस्क निर्धारित होता है।
3. बीट से क्या तात्पर्य है ?
विभिन्न विषयों से जुड़े समाचारों के लिए संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आम तौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रख कर किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे बीट कहते हैं।
4. बीट रिपोर्टिंग तथा विशेषीकृत रिपोर्टिंग में क्या अन्तर है ?
बीट रिपोर्टिग के लिए संवाददाता में उस क्षेत्र के बारे में जानकारी व दिलचस्पी का होना पर्याप्त है, साथ ही उसे आम तौर पर अपनी बीट से जुड़ी सामान्य खबरें ही लिखनी होती हैं। किन्तु विशेषीकृत रिपोर्टिंग में सामान्य समाचारों से आगे बढ़कर संबंधित विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी घटनाओं, समस्याओं और मुद्दों का बारीकी से विश्लेषण कर प्रस्तुतीकरण किया जाता है। बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को संवाददाता तथा विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर को विशेष संवाददाता कहा जाता है।
5. विशेष लेखन की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
विशेष लेखन की भाषा-शैली सामान्य लेखन से अलग होती है। इसमें संवाददाता को संबंधित विषय की तकनीकी शब्दावली का जान होना आवश्यक होता है, साथ ही यह भी आवश्यक होता है कि वह पाठकों को उस शब्दावली से परिचित कराए जिससे पाठक रिपोर्ट को समझ सकें। विशेष लेखन की कोई निश्चित शैली नहीं होती।
6. विशेष लेखन के क्षेत्र कौन-कौन से हो सकते हैं ?
विशेष लेखन के अनेक क्षेत्र होते हैं, यथा- अर्थ-व्यापार, खेल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, कृषि, विदेश, रक्षा, पर्यावरण शिक्षा, स्वास्थ्य, फ़िल्म-मनोरंजन, अपराध, कानून व सामाजिक मुद्दे आदि।
अभ्यासार्थ महत्त्वपूर्ण प्रश्न:
1. किसी खास विषय पर किए गए लेखन को क्या कहते हैं?
2. विशेष लेखन के क्षेत्र लिखिए।
3. पत्रकारीय भाषा में लेखन के लिए निर्धारित स्थल को क्या कहते है?
4. बीट से आप क्या समझते हैं?
5. बीट रिपोर्टिग क्या है?
6. बीट रिपोर्टिंग तथा विशेषीकृत रिपोर्टिंग में क्या अंतर है?
7. विशेष संवाददाता किसे कहते हैं?
बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न एवं अन्य महत्त्वपूर्ण पृष्ठव्य प्रश्नों का कोश:
1. प्रिंट माध्यम किसे कहते हैं?
2. जनसंचार के प्रचलित माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम क्या है?
3. किन्हीं दो मुद्रित माध्यमों के नाम लिखिए।
4. छापाखाने के आविष्कार का श्रेय किसको जाता है?
5. हिंदी का पहला समाचार-पत्र कब, कहाँ से किसके द्वारा प्रकाशित किया गया?
6. हिंदी में प्रकाशित होने वाले दो दैनिक समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
7. रेडियो की अपेक्षा टीवी समाचारों की लोकप्रियता के दो कारण लिखिए।
8. पत्रकारीय लेखन तथा साहित्यिक सृजनात्मक लेखन का अंतर बताइए।
9. पत्रकारिता का मूलतत्व क्या है?
10. स्तंभलेखन से क्या तात्पर्य है?
11. पीत पत्रकारिता किसे कहते हैं?
12. खोजी पत्रकारिता का आशय स्पष्ट कीजिए।
13. समाचार शब्द को परिभाषित कीजिए।
14. उल्टा पिरामिड शैली क्या हैं?
15. समाचार लेखन में छह कारको का क्या महत्त्व है?
16. मुद्रित माध्यमों की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
17. डेड लाइन क्या है?
18. रेडियो नाटक से आप क्या समझते हैं?
19. रेडियो समाचार की भाषा की दो विशेषताएँ लिखिए।
20. एंकर बाईट किसे कहते हैं?
21. टेलीविजन समाचारों में एंकर बाईट क्यों जरूरी है?
22. मुद्रित माध्यम को स्थायी माध्यम क्यों कहा जाता है?
23. किन्हीं दो समाचार चैनलों के नाम लिखिए।
24. इंटरनेट पत्रकारिता के लोकप्रिय होने के क्या कारण हैं?
25. भारत के किन्हीं चार समाचार-पत्रों के नाम लिखिए जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं?
26. पत्रकारिता की भाषा में बीट किसे कहते हैं?
27. विशेष रिपोर्ट के दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
28. विशेष लेखन के किन्हीं दो प्रकारों का नामोल्लेख कीजिए।
29. विशेष रिपोर्ट के लेखन में किन बातों पर अधिक बल दिया जाता है?
30. बीट रिपोर्टर किसे कहते हैं?
31. रिपोर्ट लेखन की भाषा की दो विशेषताएँ लिखिए।
32. संपादकीय के साथ संपादन-लेखक का नाम क्यों नहीं दिया जाता?
33. संपादकीय लेखन क्या होता है?
अथवा
संपादकीय से क्या तात्पर्य है?
34. संपादक के दो प्रमुख उत्तरदायित्वों का उल्लेख कीजिए।
35. ऑप-एड पृष्ठ किसे कहते हैं?
36. न्यूजपेग क्या है?
37. आडिएंस से आप क्या समझते हैं?
38. इलेक्ट्रोनिक मीडिया क्या है?
39. कार्टून कोना क्या है?
40. भारत में नियमित अपडेट साइटों के नाम बताइए।
41. कम्प्यूटर के लोकप्रिय होने का प्रमुख कारण बताइए।
42. विज्ञापन किसे कहते हैं?
43. फीडबैक से क्या अभिप्राय है?
44. जनसंचार से आप क्या समझते हैं?
45. समाचार और फीचर में क्या अंतर है?
(ख) आलेख/रिपोर्ट- निर्धारित अंक:
आलेख
आलेख-लेखन हेतु महत्वपूर्ण बातें:
1. किसी विषय पर सर्वांगपूर्ण जानकारी जो तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक हो आलेख कहलाती है।
2. आलेख का आकार संक्षिप्त होता है।
3. इसमें विचारों और तथ्यों की स्पष्टता रहती है, ये विचार क्रमबद्ध रूप में होने चाहिए।
4. विचार या तथ्य की पुनरावृत्ति न हो।
5. आलेख की शैली विवेचन, विश्लेषण अथवा विचार-प्रधान हो सकती है।
6. ज्वलंत मुद्दों, समस्याओं, अवसरों, चरित्र पर आलेख लिखे जा सकते हैं।
7. आलेख गंभीर अध्ययन पर आधारित प्रामाणिक रचना होती है।
नमूना आलेख:
शेर का घर जिमकार्बट नेशनल पार्क-
जंगली जीवों की विभिन्न प्रजातियों को सरंक्षण देने तथा उनकी संख्या को बढाने के उद्देश्य से हिमालय की तराई से लगे उत्तराखंड के पौड़ी और नैनीताल जिले में भारतीय महाद्वीप के पहले राष्ट्रीय अभयारण्य की स्थापना प्रसिद्ध अंगरेजी लेखक जिम काबेंट के नाम पर की गई। जिम काबेंट नेंशनल पार्क नैनीताल से एक सौ पन्द्रह किलोमीटर और दिल्ली से 290 किलोमीटर दूर है। यह अभयारण्य पाँच सौं इक्कीस किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। नवम्बर से जून के बीच यहाँ घूमने-फिरने का सर्वोतम समय है।
यह अभयारण्य चार सौं से ग्यारह सौ मीटर की ऊँचाई पर है। ढिकाला इस पार्क का प्रमुख मैदानी स्थल है और कांडा सबसे ऊँचा स्थान हैं। जंगल, जानवर, पहाड़ और हरी-भरी वादियों के वरदान से जिमकार्बट पार्क दुनिया के अनूठे पार्को में है। रायल बंगाल टाइगर और एशियाई हाथी पसंदीदा घर है। यह एशिया का सबसे पहला संरक्षित जंगल हैं। राम गंगा नदी इसकी जीवन-धारा है। यहाँ एक सौ दस तरह के पेड़-पौधे, पचास तरह के स्तनधारी जीव, पच्चीस प्रजातियों के सरीसृप और छह सौं तरह के रंग-बिरंगे पक्षी हैं। हिमालयन तेंदुआ, हिरन, भालू, जंगली कुत्ते, भेड़िये, बंदर, लंगूर, जंगली भैंसे जैसे जानवरों से यह जंगल आबाद है। हर वर्ष लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं। शाल वृक्षों से घिरे लंबे-लंबे वन-पथ और हरे-भरे घास के मैदान इसके प्राकृतिक सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं।
निम्नलिखित विषयों पर आलेख लिखिए
- बढ़ती आबादी: देश की बरबादी
- सांप्रदायिक सद्भावना
- कर्ज में डूबा किसान
- आतंकवाद की समस्या
- डॉक्टर हड़ताल पर, मरीज परेशान
- वर्तमान परीक्षा-प्रणाली
- बजट और बचत
- शक्ति, संयम और साहस
- रिश्वत का रोग
- सपना सच हो अपना
रिपोर्ट\प्रतिवेदन
रिपोर्ट/प्रतिवेदन का सामान्य अर्थ: सूचनाओं के तथ्यपरक आदान-प्रदान को रिपोर्ट या रिपोर्टिंग कहते हैं। प्रतिवेदन इसका हिंदी रूपांतरण है। रिपोर्ट किसी संस्था, आयोजन या कार्यक्रम की तथ्यात्मक जानकारी है। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने अंशधारकों को वार्षिक/अर्द्धवार्षिक प्रगति रिपोर्ट भेजा करती हैं।
रिपोर्ट के गुणः
- तथ्यों की जानकारी स्पष्ट, सटीक, प्रामाणिक हो।
- संस्था/विभाग के नाम का उल्लेख हो।
- अध्यक्ष आदि पदाधिकारियों के नाम।
- गतिविधियाँ चलानेवालों के नाम।
- कार्यक्रम का उद्देश्य।
- आयोजन-स्थल, दिनांक, दिन तथा समय।
- उपस्थित लोगों की जानकारी।
- दिए गए भाषणों के प्रमुख अंश।
- लिये गए निर्णयों की जानकारी।
- भाषा आलंकारिक या साहित्यिक न होकर सूचनात्मक होनी चाहिए।
- सूचनाएँ अन्यपुरुष शैली में दी जाती हैं। मैं या हम का प्रयोग नहीं होता।
- संक्षिप्तता और क्रमिकता रिपोर्ट के गुण हैं।
- नई बात नए अनुच्छेद से लिखें।
- प्रतिवेदक या रिपोर्टर के हस्ताक्षर।
निम्नलिखित विषयों पर रिपोर्ट तैयार कीजिए-
1. पूजा-स्थलों पर दर्शनार्थियों की अनियंत्रित भीड़
2. देश की महॅगी होती व्यावसायिक शिक्षा
3. मतदान केन्द्र का दृश्य
4. आए दिन होती सड़क दुर्घटनाएँ
5. आकस्मिक बाढ़ से हुई जनधन की क्षति
फीचर लेखन-निर्धारित अंक: 5
समकालीन घटना तथा किसी भी क्षेत्र विशेष की विशिष्ट जानकारी के सचित्र तथा मोहक विवरण को फीचर कहते हैं। फीचर मनोरंजक ढंग से तथ्यों को प्रस्तुत करने की कला है। वस्तुतः फीचर मनोरंजन की उंगली थाम कर जानकारी परोसता है। इस प्रकार मानवीय रूचि के विषयों के साथ सीमित समाचार जब चटपटा लेख बन जाता है तो वह फीचर कहा जाता है।
अर्थात- “ज्ञान + मनोरंजन = फीचर”।
फीचर में अतीत, वर्तमान और भविष्य की प्रेरणा होती है। फीचर लेखक पाठक को वर्तमान दशा से जोड़ता है, अतीत में ले जाता है और भविष्य के सपने भी बुनता है। फीचर लेखन की शैली विशिष्ट होती है। शैली की यह भिन्नता ही फीचर को समाचार, आलेख या रिपोर्ट से अलग श्रेणी में ला कर खड़ा करती है।
फीचर लेखन को अधिक स्पष्ट रूप से समझने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें –
1. समाचार साधारण जनभाषा में प्रस्तुत होता है और फीचर एक विशेष वर्ग व विचारधारा पर केंद्रित रहते हुए विशिष्ट शैली में लिखा जाता है।
2. एक समाचार हर एक पत्र में एक ही स्वरुप में रहता है परन्तु एक ही विषय पर फीचर अलग-अलग पत्रों में अलग-अलग प्रस्तुति लिये होते हैं। फीचर के साथ लेखक का नाम रहता है।
3. फीचर में अतिरिक्त साज-सज्जा, तथ्यों और कल्पना का रोचक मिश्रण रहता है।
4. घटना के परिवेश, विविध प्रतिक्रियाएँ व उनके दूरगामी परिणाम भी फीचर में रहा करते हैं।
5. उद्देश्य की दृष्टि से फीचर तथ्यों की खोज के साथ मार्गदर्शन और मनोरंजन की दुनिया भी प्रस्तुत करता है।
6. फीचर फोटो-प्रस्तुति से अधिक प्रभावशाली बन जाता है।
नमूना फीचर:
पियक्कड़ तोता:
संगत का असर आता है, फिर चाहे वह आदमी हो या तोता। ब्रिटेन में एक तोते को अपने मालिक की संगत में शराब की ऐसी लत लगी कि उसने घर वालों और पड़ोसियों का जीना बेहाल कर दिया। जब तोते को सुधारने के सारे हथकंडे फेल हो गए तो मजबूरन मालिक को ही शराब छोड़नी पड़ी। मार्क बेटोकियो ने अफ्रीकी प्रजाति का तोला मर्लिन पाला मार्क यदा-कदा शराब पी लेते। गिलास में बची शराब मर्लिन चट कर जाता। धीरे-धीरे मर्लिन की तलब बढ़ने लगी। वह वक्त-बेवक्त शराब माँगने लगा।———————
निम्नलिखित विषयों पर फीचर लिखिए:
- चुनावी वायदे
- महँगाई के बोझतले मजदूर
- वाहनों की बढ़ती संख्या
- वरिष्ठ नागरिकों के प्रति हमारा नजरिया
- किसान का एक दिन
- क्रांति के स्वप्न-द्रष्टा अब्दुल कलाम
- क्रिकेट का नया संस्करण ट्वेंटी-ट्वेंटी
- बेहतर संसाधन बन सकती है जनसंख्या